Ruchi negi.. एक बच्चे के माता पिता जन्म दाता होते हैं, लेकिन उसके भविष्य का मार्ग दर्शक एक गुरु ही होता है। लेकिन गुरु ही एक छात्रा से अपनी हवस की भूख मिटाने की अपेक्षा रखता हो, तो वह गुरु शब्द को कलंकित करने का काम करता है। आज शिक्षा का बाजारीकरण हो चुका है। वर्तमान में शिक्षा पद्दति रास्ते मे पढ़ी कुतिया के समान है। इस लिए इन कुतर्कों को लिख रहा हूँ। क्यों कि आज जिस तरह से मास्टरों के कर्मकांड सामने आ रहे है । वह उन सभी गुरुजनों को एक तराजू में तोलने का काम कर रहा है। ऐसे भी शिक्षक देखे जब उनकी विदाई पर पूरा गांव रोता है। जो अखबारों के शीर्ष हैड लाइन में प्रमुखता से अपने छापने के साथ ही सुर्खियां बटोरने का काम करते हैं। और एक पत्रकार समाज उनकी तारीफ करता फिरता रहता है। आज लोग जागरूक हो गए हैं, इस लिए इन मास्टरों के कर्मकांड बाहर आ रहे। पहले तो मास्टरों की शिकायत घर पर करना जघन्य अपराध के समान होता था। कभी माता पिता के साथ मास्टर को बात करते हुए देख लिया, तो रात में पिटने का भय होता था, चाहे मास्टर हमारे बारे में बात न कर रहे हो। आदर भी होता था। लेकिन आज इस संदर्भ में बात इस लिए कर रहा हूं। क्यों कि चमोली जिले के नारायण बग्गड़ के रहने वाले मास्टर ने जोशीमठ विकासखंड में तीन साल की छात्रा से अश्लील व्यवहार का मामला सामने आया है। जिसके खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया और उसको पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ऐसे कई घटनाक्रम सरकारी मास्टरों के समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपे हैं। हालांकि आरोप गलत हैं या सही ये तो न्याय के मंदिर में और भविष्य के गर्व में है।आरोप लगाना और किसी को साजिशन फसाने के दूरगामी परिणाम भी भयंकर होते हैं। लेकिन स्कूल हमारे भविष्य का मंदिर हैं, जहां हमें आगे चलकर उन्नति , प्रगति , उज्ज्वल भविष्य के पथ से भरपूर रोशन किया जाता है। गुरु का आदर हमेशा अभिभावकों एवं छात्रों के ह्रदय में जोत की तरह जलना चाहिए। यही अपेक्षा समाज करता है।