डीएम की अच्छी पहल: सड़क पर नहीं दिखेंगे भिखारी

Ruchi negi… अब दून की सड़क- चौराहों पर वयस्क महिला, पुरुष भीख मांगते नजर नहीं आएंगे। जिला प्रशासन भिक्षावृत्ति कर रहे वयस्क भिखारियों को रेस्क्यू कर कौशल विकास का प्रशिक्षण देगा। जिसके बाद उनको स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा। देश के महानगरों में बड़े फलक पर भिक्षावृत्ति पर काम कर रही बैगर कार्पोरेशन लिमिटेड से प्रशासन ने अनुबंध किया है। इस क्रम में जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने पदभार संभालते ही पहला प्रहार भिक्षावृत्ति पर किया। सबसे पहले सड़क- चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों को पुनर्वास किया गया। हालांकि अब बच्चे भीख मांगते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन कहीं न कहीं वयस्क भिखारियों के भीख मांगने से गलत संदेश जा रहा था। प्रशासन की ओर से तीन माह तक इस पर गहरा मंथन किया गया। ऐसे में बैगर कार्पोरेशन लिमिटेड ने जिला प्रशासन से संपर्क साधा। कंपनी की रिपोर्ट एवं वास्तविकता अध्ययन करने के बाद अनुबंध किया गया। कंपनी वयस्क भिखारियों के लिए पुनर्वास केंद्र बनाएगा। वयस्कों की क्षमता के हिसाब से उनको कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रथम चरण में सिलाई, भोजन तैयार करना, हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद होटल, दुकान, आनलाइन प्लेटफार्म रोजगार के लिए तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही निर्मित उत्पाद को बाजार, सरकार की ओर से लगने वाले मेले में बेचा जाएगा। महिला एवं पुरुष के खाते में सीधे धनराशि जा सके। इसके लिए बैक खाते खोले जाएंगे। इसके साथ ही जो व्यक्ति स्वयं का रोजगार करना चाहता है। उनकों प्रशासन की ओर से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, बैगर्स कार्पोरेशन लिमिटेड के सीईओ चंद्र मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, मुकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

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