Ruchi negi….हास्य कलाकार घनानंद गगोड़िया (घन्नाभाई) आज पांच तत्व में विलीन हो गए हैं। लेकिन राजपुर विधायक खजान दास ने उनसे जुड़ा एक रहस्यमयी किस्सा सुनाया। जो किसी को पता नहीं है। वर्ष 2012 में विधानसभा टिकट की सब दौड़ दिल्ली लगा रहे थे। तब टिकट को लेकर सब टेंशन में थे। घन्नाभाई भी टिकट के लिए दिल्ली गए थे। लेकिन वह सब को हंसा रहे थे। जब उत्तराखंड से टिकट फाइनल हुआ। तो उनका नाम सबसे पहले पौड़ी विधानसभा से फाइनल हुआ। बाकी सबके नाम बाद में फाइनल हुए। उस समय को आज भी याद करता हूं। वाकई हास्य कलाकार होने के साथ नेक इंसान थे।
रविवार को हरिद्वार रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में दिवंगत हास्य कलाकार घनान्द गगोड़िया को कलाकारों ने श्रद्धासुमन अर्पित की। लोग गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया घनानंद ने अपने अभिनय की शुरुआत 70 के दशक में की थी। घनानंद और रामरतन काला की जोड़ी ने गढ़वाली के मंच में पदार्पण किया। दोनों हास्य कलाकार थे। घनानंद हास्य के अनूठे कलाकार थे। जब उन्हें अपने गीतों के फिल्मांकन में अभिनय करने का मौका दिया। तो दोनों कलाकार उत्तराखंडियों के मन में बस गए थे।पद्मश्री एवं लोकगायक डा. प्रीतम भरतवाण ने बताया घनानंद ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने हास्य के हुनर को नहीं छोड़ा। वह हास्य कला के महारथी होने के साथ ही सरल स्वभाव के थे। उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। लोक गायक अनिल बिष्ट ने बताया कि घनानंद के साथ महिला का अभिनय किया। तब मैं आठवीं कक्षा का छात्र था। लोक गायिका रेशमा शाह ने कहा कि एक फिल्म में घनानंद के साथ उनकी पत्नी के रूप में अभिनय करने का मौका मिला। अभिनेता बलदेव राणा ने उनके साथ की चर्चित फिल्मों के संस्मरण सुनाए। इस मौके पर मुकेश धस्माना, प्रो. एमपीएस बिष्ट, लोक गायिका मीना राणा, रेखा धस्माना उनियाल, लोक गायक संतोष खेतवाल, हिमाचल के लोकगायक विक्की चौहान, नरेन्द्र रौथाण, माजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिंह बिष्ट, मस्तुदास आदि मौजूद रहे।